The best Side of Shodashi

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The ability point in the midst of the Chakra displays the highest, the invisible, along with the elusive Middle from which the complete figure Bhandasura and cosmos have emerged.

This classification highlights her benevolent and nurturing facets, contrasting While using the intense and mild-intense natured goddesses inside the team.

आस्थायास्त्र-वरोल्लसत्-कर-पयोजाताभिरध्यासितम् ।

Shodashi is deeply linked to The trail of Tantra, exactly where she guides practitioners toward self-realization and spiritual liberation. In Tantra, she is celebrated because the embodiment of Sri Vidya, the sacred knowledge that brings about enlightenment.

पद्मालयां पद्महस्तां पद्मसम्भवसेविताम् ।

She may be the one particular getting Severe splendor and possessing energy of delighting the senses. Fascinating intellectual and psychological admiration from the three worlds of Akash, Patal and Dharti.

She is the in the form of Tri energy of evolution, grooming and destruction. Total universe is transforming beneath her ability and destroys in cataclysm and yet again get rebirth (Shodashi Mahavidya). By accomplishment of her I acquired this put and hence adoration of her is the greatest one particular.

ஓம் ஸ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் ஐம் ஸௌ: ஓம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் க ஏ ஐ ல ஹ்ரீம் ஹ ஸ க ஹ ல ஹ்ரீம் ஸ க ல ஹ்ரீம் ஸௌ: ஐம் க்லீம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் 

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा website ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।

Sati was reborn as Parvati for the mountain king Himavat and his spouse. There was a rival of gods named Tarakasura who might be slain only from the son Shiva and Parvati.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥७॥

यस्याः शक्तिप्ररोहादविरलममृतं विन्दते योगिवृन्दं

Out of curiosity why her father didn't invite her, Sati went towards the ceremony Despite the fact that God Shiva tried out warning her.

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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